मध्य प्रदेश के दतिया जिले के भांडेर से बड़ी खबर निकल कर सामने आई है आजकल पत्रकारों के साथ हमेशा कोई ना कोई कवरेज करते समय कई समस्याएं सामने आती हैं एवं झूठे केस में फंसाने की धमकी भी मिलती रहती हैं एवं झूठे केसों में फंसा भी दिया जाता है और हमले भी किए जाते हैं लेकिन शासन प्रशासन के द्वारा पीड़ित पत्रकारों के साथ न्याय नहीं हो पता ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के दतिया जिले की भांडेर तहसील से निकलकर सामने आया है जिसमें एक महिला पत्रकार अपने कुछ पत्रकार साथियों के साथ काफी मेहनत और मस्कत करती रही लेकिन पूर्व से उस महिला पत्रकार का किसी से विवाद चल रहा था उस विवाद के चलते उसका केस भांडेर एसडीएम नीरज शर्मा के पास चल रहा था इसी केस के सिलसिले में महिला पत्रकार को भांडेर एसडीएम कार्यालय पहुंची उधर एसडीएम के बाबू कमलेश श्रीवास्तव ने महिला पत्रकार से कहा कि साहब बुला रहे हैं महिला पत्रकार ने कई बार बाबू को एसडीएम के कमरे में जाने से मना किया लेकिन बाबू के बार-बार कहने पर महिला पत्रकार एसडीएम नीरज शर्मा भांडेर के कमरे में चली गईं उधर एसडीएम ने महिला पत्रकार से अश्लील बातें की एवं गलत नीयत से हाथ पकड़ कर छीना झपटी की जिसका महिला पत्रकार ने विरोध किया तो एसडीएम साहब ने धमकी दे डाली महिला पत्रकार पुलिस को सूचना दो लेकिन भाडेर थाने में महिला पत्रकार की शिकायत नहीं ली तो महिला दतिया पुलिस कप्तान के पास शिकायती आवेदन देने पहुंच गई एवं जिला कलेक्टर को भी अवगत करा दिया गया था उसके बाद 10 दिन से प्रशासन द्वारा जांच ही चल रही है इधर महिला पत्रकार को एवं उसके परिवार वालों को जान से मारने तक की धमकियां दी जा रही है महिला पत्रकार के अनुसार आज तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की एवं वर्तमान भंडेर एसडीएम वकीलों से मिलकर उल्टा महिला पत्रकार को फसाने का षड्यंत्र रच रहे हैं महिला पत्रकार के अनुसार बार-बार कहा जा रहा है कि जिस कमरे में मेरे साथ छेड़खानी हुई है उसे कमरे का सीसी टीवी कैमरे की फुटेज निकाल कर देख ले दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा लेकिन प्रशासन में बैठे हुए जिम्मेदार उचित कार्रवाई न करके ऐसा संदेश दे रहे हैं जिससे लग रहा है कि एसडीएम भांडेर का बचाव किया जा रहा है अगर एसडीएम के द्वारा कोई गलती नहीं हुई है तो फिर महिला के द्वारा लगाए हुए आरोपो को प्रशासन के द्वारा खारिज क्यों नहीं किया जा रहा है |