कोंटा। सुकमा जिले के ग्राम इतकल में पिछले चार वर्षों में 44 मौतों से जुड़े मामले में स्वास्थ्य विभाग लीपापोती में जुट गया है। विभाग ने 19 मौतों की बात स्वीकारी है। इसमें आरक्षक के परिवार के उन पांच लोगों के भी नाम शामिल हैं, जिनकी 15 सितंबर को जादू-टोना के संदेह में हत्या की गई है।
विभाग गांव की मितानिन के जिस पंजी (रजिस्टर) के आधार पर 19 मौतों का दावा कर रहा है, वही पंजी दावे को झूठा बता रहा है। नईदुनिया की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि पंजी में कारम रामकृष्ण व राजे की सात माह की बेटी कारम गुड़िया की अगस्त 2021 में मृत्यु होने की जानकारी है। पर इस रिकॉर्ड को विभाग ने सम्मिलित नहीं किया है।
44 लोगों की मौत होना बता रहे आरोपित
ग्रामीणों ने कहा था कि मितानिन के कम पढ़ी-लिखी होने से उसका रिकॉर्ड विश्वसनीय नहीं है। इधर, आरोपित पहले ही यह दावा कर चुके हैं कि 44 की मृत्यु जादू-टोने से हुई थी। इसी के चलते वारदात हुई। गुरुवार को नईदुनिया की टीम ने इतकल के ग्रामीणों और विभाग के दावे की पड़ताल की तो पता चला कि और भी कई लोगों की मौतें हुई है, पर उनके नाम विभाग की ओर से जारी सूची में नहीं है।
सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं हैं मौतें
पोड़ियम सिलको, जिसके दो बच्चों की मौत छह माह के अंतराल में हुई है। उसने बताया कि बीमार होने पर वे वड्डे के पास जाते थे। इसलिए कई लोग जिनकी मृत्यु हुई है, इसकी जानकारी शासकीय रिकॉर्ड में नहीं है। छह माह की करको गुड़िया की भी मृत्यु अक्टूबर 2023 में हुई थी, पर इसका उल्लेख भी सूची में नहीं है। आरोपित सोयम श्रीनू की दो माह की बेटी सोयम गुड़िया की भी मृत्यु छह माह पहले हुई है।
दोनों ओझा समेत सात आरोपितों को भेजा जेल, इनमें दो महिलाएं भी
इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को दो ओझा आंध्र प्रदेश के कीकरा रमेश व ओडिशा सुन्नम रामा सहित सात लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इनमें दो महिलाएं शामिल है। अब तक 24 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य आरोपितों में इतकल के सवलम कित्ता, कारम सुब्बा, सवलम शंकरु, पोडियामी रोजा, नुप्पो रामे सम्मिलित हैं।